मधुमेह से परेशान व्यक्ति सब तरह की दवाइयां आजमाता है पर मधुमेह से छुटकारा नहीं पा पाता क्योंकि यह एक बहुत बड़ा मिथक है, मधुमेह एक रोग है।
सच जानिये…
- मधुमेह एक स्थिति है जिसमे शरीर के एक महत्वपूर्ण अंग ने बगावत कर दी है।
आसपास बहुत शकर है, ऊर्जा है पर शरीर उसे इस्तेमाल नहीं कर पाता।
- वह क्या कारण है जो हमारे शरीर का ही एक अंग हमारा साथ नहीं देता। वह है हमारी आत्मा जो हमारे विचार निरंतर झेलती है। कुछ नकारात्मक विचार जो हम लगातार करते रहते है हमारे किसी ना किसी नाज़ुक ग्रंथी को या तो सुस्त या अधिक कार्यरत कर देते है।
- जीवन शक्ति उन अंगों तक पहुँच नहीं पाती, इस लिए ध्यान अत्यावश्यक है।
मधुमेह के मरीज़ रोज़ भोजन से पहले शांत चित्त हो कर विचार करे की प्रभु की दिव्य शक्ति लीवर को प्राप्त हो रही है जिससे हमारे रक्त में जो शर्करा है वह कम हो रही है।
- ध्यान करते हुए हमें स्वयं को परेशान करने वाले विचारों को फेंक देना है जो पुराने और भुला दिए गए नकारात्मक विचार है उन्हें भी हटाना है।
- ये नकारात्मक विचार किसी के लिए गुस्सा, नफरत, किसी का दिया आघात, कोई कमी का अनुभव आदि हो सकते है।
- कभी बिना भूख के खाना और कभी भूख लगने पर भी ना खाना दोनों ही गलत है।
- कई दिनों के उपवास जिसमे चाय कॉफ़ी पी जाए, साबूदाना, वनस्पति घी, रबड़ी, पेड़े, सफ़ेद शकर, तले हुए कंद आदि लिए जाए यह सबसे ज्यादा गलत है।
- उपवास जिसमे एसिडिटी हो गलत है।
- पॉलिश वाले चावल, सफ़ेद शकर, मैदा आदि पदार्थों का अधिक सेवन कभी ना करे।
- भोजन प्रेशर कूकर में ना करे। हो सके तो मिटटी के बर्तन में उबला अन्न ले। एल्युमिनियम में तो बिलकुल ना पकाए।
- वात प्रवृत्ति पर नियंत्रण पाने के लिए अनुलोम विलोम और कपालभाती प्राणायाम अत्यावश्यक है।मंडूकासन करने से भी लाभ होता है।
- पेट और कमर के आसपास कभी चर्बी जमा ना होने दे। यह मधुमेह को जन्म दे सकती है।
- सभी प्रकार के रस वाले और हर प्रकार से खाए जाने वाले अन्न ले।
- ज़मीन पर बैठ कर हाथों से भोजन ले। भोजन के पहले प्रार्थना अवश्य करे।